On Diwali Should Take Off Shoes Or Not In Relative House:दिवाली एक ऐसा त्योहार है जब लोग एक दूसरे के घरफ आते-जाते रहते हैं. ऐसे में लोग जगमगाती रोशनी रखते हैं और घर में पार्टी तथा मेहमानों का आने जाने का दौर शुरू होता है. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि जूते पहने जाएं या नहीं? हिंदू धर्म के हिसाब से मां लक्ष्मी सबसे स्वच्छ घरों में प्रवेश करती हैं. ऐसे में लोगों को दिवाली के त्योहार के वक़्त यह एक बड़ा सवाल है कि क्या मेहमानों को अपने जूते दरवाजे पर छोड़ देना चाहिए या घबराए बिन लिविंग रूम से होकर गुजरना चाहिए.चलिए आपको इसके बारे में डिटेल में बताते है.

आपकी जानकरी के लिए बता दे दरअसल घर में प्रवेश करने से पहले जूते उतारना सम्मान और स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है. असल में चिकित्सा पेशेवरों का कहना है कि जूते में बैक्टीरिया लाते हैं. इसी वजह से चपप्ल को घर के अंदर नहीं पहनना चाहिए. लेकिन भारतीय संस्कृति में कहा जाता है अतिथि देवो भवः. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह स्वीकार्य है कि घर में प्रवेश करते वक़्त एक अतिथि जूते उतारने के लिए घुटनों के बल बैठ जाए?

कहा तो यह भी जा रहा है कि सर्दियां आ रही हैं और ऐसे में मेहमानों को जूते उतारने के लिए मजबूर करना सही बात नहीं है. दरअसल परंपरा और सुविधा के बीच संतुलन बनाना बहुत जरूरी है. एक सर्वे के हिसाब से यह पता चला है कि कुछ लोग मेहमानों को घर के अंदर जूते पहनने की अनुमति देते हैं, जबकि कुछ माँ कर देते है. वैसे ये बात प्रत्येक व्यक्ति पर निर्भर करता है.