नई दिल्ली।  अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी पंजाब (Punjab) के मोगा (Moga) जिले के रोडे गांव से हुई है। बताया जा रहा है कि अमृतपाल ने खुद पुलिस को सरेंडर करने की सूचना दी थी। अजनाला थाने पर हुए हमले के बाद पुलिस ने 18 मार्च से अमृतपाल सिंह और उनके गिरोह में शामिल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। तब से अमृतपाल पुलिस को चकमा देते हुए फरार था। जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें।

‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस एक विशेष विमान से असम के डिब्रूगढ़ लेकर गई थी जिसके बाद उन्हें डिब्रूगढ़ की केंद्रीय कारागार में रखा गया।

इसी मामले में अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार करके डिब्रूगढ़ जेल में बंद कर दिया गया हैं। अमृतपाल सिंह की गिपऱ्तारी के बाद उनके पिता तरसेम सिंह ने अमृतपाल के सरेंडर होने पर गर्व महसूस करते हे कहा है कि – “उसने सिख रूप में सरेंडर किया है। हम उसे जीताने के लिए केस लड़ेंगे, क्योंकि वह कौम के लिए काम कर रहा था, वह नशे के खिलाफ काम कर रहा था, लोगों को बचाने का काम कर रहा था. वो आज के यवाओँ को बचा रहा था सरकार नशा खत्म करने वाले को खत्म कर रही है।अमृतपाल सिंह एक शेर है और उसने योद्धा की तरह सरेंडर किया।