Baba Neem Karauli Story Of Miracle: भारत उन देशों में से हैं जहाँ कई सारे भगवान है. यही नहीं भारत एक ऐसा देश है जहाँ लोग सबसे ज्यादा भगवान और संत को मानते हैं. इन्ही संतों में से एक है बाबा नीम करौली. इनके भक्त पूरी दुनिया में हैं. आप में से बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि बाबा नीम करौली का असल नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा था. पर फिर कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद लोग उन्हें नीम करौली के नाम से लोग जानने लगे थे.आपकी जानकारी के लिए बता दे लक्ष्मण नारायण शर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में साल 1900 में हुआ था. वही उनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था. मात्र 11 साल की उम्र में उनके माता-पिता ने उनकी शादी कर दी. जैसे जैसे समय बीता लक्ष्मण नारायण शर्मा का मन वैराग्य की तरफ जाने लगा.

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खैर बात अगर नीम करोली बाबा की ट्रेन वाली कहानी की करें तो आपको बता दे इस बात का जिक्र किताब ‘Miracle Of Love’ में किया गया है. किताब के लेखक राम दास ने लिखा है कि एक दिन बाबा लक्ष्मण नारायण शर्मा बिना टिकट ट्रेन में सवार हो गए. इस पर टीटी ने ट्रेन को रोकने और नीम करौली बाबा को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के नीम करौली गांव में उतरने को कहा. गांव आने पर उन्हें ट्रेन से उतार दिया गया लेकिन इसके बाद ट्रेन वहां से हिली ही नहीं. काफी कोशिश के बाद भी ट्रेन नहीं चली.

इसके बाद रेलवे के अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच की और टीटी ने पूरी बात बताई. इसके बाद बाबा को की तलाश हुई और अधिकारियों ने कहा कि बाबा को ट्रेन में सवार होने दें. अधिकारियों ने बाबा को मनाया, और वो मान गए. फिर बाबा जैसे ही बोगी में चढ़े ट्रेन स्टार्ट हो गई.इसी के बाद नीम करौली में स्टेशन बनाया गया और उनका नाम बाबा नीम करौली पड़ गया.