नई दिल्ली। हमारे देश में प्रतिभावानों की कोई कमी नहीं है। फिर चाहे बात कला के क्षेत्र की हो या फिर नौकरी या व्यवसाय की, हर क्षेत्र में वो अपना परचम लहरा देते हैं। ऐसे ही एक छोटे से गांव में पैदा हुए भाई-बहन अब यूएसए में पढ़ाई करने के बाद आर्मी ज्वाइन करके अपने परिवार का सपना पूरा किया है। दिव्या कंवर और उसके भाई दोनों यूएसए की सेना की बागडोर संभाल रहे हैं।

अभी हाल में दिव्या कंवर के प्रमोशन पर उनके भाई ने बहन के कंधों पर बैज लगाकर उन्हे प्रोत्साहित किया थी। जिसके बाद दिव्या कंवर अब अपने ही देश का नही बल्कि दूसरे देश का नाम भी रोशन करने के लिए मैदान में उतर चुके है। बतया जाता है कि बचपन से उनके पिता  मूलसिंह राठौड़ भारतीय सेना के प्रति अपने लगाव के बारे में उन्हें बताते आ रहे है। और वे सभी लोग चाहते थे कि उनके घर का कोई सदस्य भी आर्मी में भर्ती हो। इतना ही नही ननिहाल पक्ष में नाना फतेहसिंह राणावत भी दोनों भाई-बहनों को इस राह में चलने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करते रहे। सभी की प्रेरणा से दोनों बच्चे यूएसए आर्मी में भर्ती हो पाए।

1990 में छोड़ा गांव 

कंटालिया जैसे छोटे से गांव में दिव्या कंवर का और उनके भाई का जन्म हुआ है। पिता दिलीपसिंह राठौड़ साल 1990 से यूएसए में रहने को गए। लेकिन उनके दोनों बच्चों का जन्म कंटालिया में ही हुआ। दोनों बच्चों का बचपन भी कंटालिया में ही बीता।

बचपन में मिली प्रेरणा

घर के पुराने बुजुर्गों से आर्मी की कहानियां किस्से सुनने के बाद उनके रग रग में अब आर्मी में जाने का ख्याल बस गया था जिसके बाद उन्हें के आदर्शों पर चलते हुए आखिर दोनों अपने  मुकाम पर  पहुंच ही गए।