नई दिल्ली : वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में गहरा महत्व है। जिसका उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। प्राचीन काल में भी महल, मंदिर, और अन्य जगहों की नींव को बनाते समय वास्तु नियमों का विशेष ख्याल रखा जाता है, ताकि आगे कोई बाधा रोड़ा ना बने, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहे। वास्तु शास्त्र में सबसे ज्यादा दिशाओं का महत्व माना गया है, और दिशाएं के अनुरूप काम करने से आप हमेशा खुश रह सकते है, आइये जानते है ऐसी दिशाओं के नाम :

उत्तर दिशा है सबसे अधिक शुभ:

वास्तु शास्त्र में सभी दिशाओं में उत्तर दिशा को सबसे शुभ माना जाता है क्योकि इस दिशा को धन, सुख, शांति, और समृद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इस दिशा में देवी-देवताओं का वास भी माना जाता है। यदि इस दिशा में आप मंदिर या फिर भगवान की प्रतिमा को स्थापित करते है तो आपके घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहेगा। घर के वातावरण पवित्र और शांतिपूर्ण बना रहेगा।

उत्तर दिशा में लक्ष्मी करती है निवास :

यह बात शायद ही आप जानते होगें कि उत्तर दिशा में मां लक्ष्मी का वास होता है, जिससे घर में हमेशा समृद्धि और धन बना रहता है। इसी कारण से लोग उत्तर दिशा में धन और संपत्ति की स्थानीय प्रतिमाएं भी स्थापित करते हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर दिशा में मां लक्ष्मी के साथ-साथ कुबेर देवता का भी वास होता है. इस दिशा में इन देवताओं की कृपा बनी रहती है, और इसलिए लोग इस दिशा में मां लक्ष्मी की प्रतिमा ज्यादा स्थापित करते है। जिससे हर काम बड़ी ही असानी के साथ पूरे हो जाते है। इस दिशा में पूजा करने से मन खुश रहता है। जीवन में खूब पैसा और तरक्की मिलती है कर्जे से छुटकारा पा सकते है.

उत्तर दिशा में रखें यह पौधे :

उत्तर दिशा में भघवान की प्रतिमा को लगाने के साथ साथ मनी प्लांट या फिर किसी भी पवित्र पौधे को भी लगाना शुभ होता है। इस दिशा नें इन पौधों को लगाने से घर में आर्थिक समस्याएँ नहीं आती है और घर में पॉजिटिव एनर्जी बना रहती है।