नई दिल्ली। पति पत्नि का रिश्ता प्यार और विश्वास की डोर से बंधा होता है। लेकिन जब पति पत्नि के बीच ये दोनों ही चीजें ना हो, तो रिश्ते की डोर जल्द से टूट जाती है। जैसी कि एक सैनिक के साथ हुआ। देश भक्ति के सेवा में लगे इस सैनिक को अपनी पत्नि से दूर रहना काफी भारी पड़ गया।

ये कहानी उस सैनिक की है जो अपने पिता के रस्ते कदमो में चलकर देश की सेवा करने के लिए मिलेट्री में शामिल हुआ था। अपनी लगन भक्ति के साथ जब वो देश की सेवा में लगा हुआ थे तभी उनकी जिंदगी में उनकी बचपन की दोस्त श्रेया की एंट्री हुई।

हालांकि, दोनों के स्वभाव में काफी अंतर था श्रेया हंसमुख स्वभाव की थी तो वही लड़का गंभीर और अंतर्मुखी किस्म का था लेकिन इसके बाद भी परिवार की सहमति से दोनो की शादी हो गई।

शादी के बाद का समय तो काफी अच्छा बीता लेकिन कुछ समय के बाद ही असम में उन्हे तैनात कर दिया गया, इसके बाद सैनिक को वहां जाना ही पड़ा। इसके बाद दिन-सप्ताह और कई महीने बीत गए। श्रेया अपने पति से मिलने के लिए बैचेन रहने लगी उसे बुलाती रही। लेकिन छुट्टियों के ना मिलने के चलते पत्नि से मिलने का एक भी मौका नहीं मिल सका। जो बातें फोन पर होती थी अब फोन करने की बजाए पुराने समय की तरह पत्र लिखना शुरू हो गया। धीरे धीरे वीडियो कॉल पर बात करना भी बंद हो गया। पति के द्वारा भेजे गए पत्रों का जवाब आना भी बंद हो गया।

इसके बाद खुशी का पल तब आया जब  डेढ़ साल और 2 महीने के बाद 2 सप्ताह के लिए घर वापस जाने का मौका मिला। उस दौरान दोनों की खुशी का ठीकाना नही था। पति के आने की खबर सुन श्रेया भी बहुत खुश थी। छुट्टी में मिला पूरा 2 सप्ताह आनंद के साथ बीत गया।  लेकिन एक-दो दिन बाद श्रेया के चेहरे पर परेशानी नजर आने लगी। हालांकि, श्रेया की परेशानी सैनिक समझ नहीं पा रहा था, उसने पत्नि को खुश करने के लिए वो सब कुछ किया, जिसे वो कर सकता था।

मैं सरप्राइज देना चाहता था 

2 सप्ताह बीत जाने के बाद फिर से सैनिक की 8 महीने के लिए पोस्टिंग कर दी गई। इसके बाद फिर छुट्टी मिली। तब मैने पत्नि को वापस आने के बारे में ना बताकर सरप्राइज देने की ठानी। मैंने उसे नहीं बताया था कि मैं घर आ रहा हूं। उसके चेहरे पर खुशी की कल्पना करके मैं बहुत ज्यादा खुश था।

वो लड़के से बना रही थी संबंध

जैसे ही सैनिक ने घर पर एंट्री ली,घर का नजारा देखकर वो एक पल के लिए कांप गया। घर का सारा सामान अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ था। अपना बैग एक कोने में रखते हुए हाथ में फूलों का गुलदस्ता लिए जैसे ही पत्नि से मिलने बेडरूम की तरफ आगे बढ़ा। बेडरूम का दरवाजा खोलते हुए वहा का नजारा देख पति के होश उड़ गए। श्रेया किसी लड़के की वांहो में थी। वो दोनों संबंध बना रहे थे।

इस नजारे को देखते ही गुलदस्ता हाथ से फर्श पर गिर गया। पति के शोर मचाने से श्रेया एकदम चौंक गई। श्रेया ने चिल्लाते हुए माफी मांगी। लेकिन पत्नि के इस विश्वासघात ने पति  बुरी तरह से आहत हो चुका था पत्नि से बात करना तो दूर उसकी शक्ल से भी नफरत हो रही थी। अंत में पत्नि ने रोते हुए कहा कि मेरे जाने के बाद वह पूरी तरह अकेले हो गई थी। उसके अकेलेपन ने ही उसे धोखा देने के लिए प्रेरित किया। वो मेरे सामने गिड़गिड़ा रही थी लेकिन दिल उसे माफ नहीं कर पा रहा था।