Preamble Trending News जैसे कि हम सभी लोग जानते हैं भारत को इसके धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी होने की वजह से पूरी दुनिया भर में एक अलग पहचान मिली है। हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से सोशल मीडिया पर मूल प्रस्तावना की एक ऐसी छवि साझा की गई जिसमें इन दोनों शब्द को हटा दिया गया है।

इस तस्वीर के सामने आने के बाद लोगों का बार-बार सवाल सामने आ रहा है कि क्या नया और आधुनिक भारत इन मूलभूत सिद्धांतों के साथ मेल खाता है। यहां तक की संविधान के संप्रभुता लोकतंत्र स्वतंत्रता समानता और भाईचारे को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार क्या पहले की तरह ही चला सकती है। 

1976 में हुआ था बड़ा परिवर्तन Preamble Trending News

सबसे पहले तो आपको बता दे 1976 में लगे आपातकाल के समय भारतीय संविधान में 42 वां संशोधन किया गया। आपको बता दे इस संशोधन अधिनियम में कई अनुच्छेद और सातवीं अनुसूची के साथ-साथ प्रस्तावना में भी संशोधन किया गया। आपको बता दे इस प्रस्तावना के दौरान दो परिवर्तन किए गए।

पहले संप्रभुता लोकतांत्रिक गणराज्य को बदलकर संप्रभुता समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य का निर्माण किया गया। इस परिवर्तन के बाद प्रस्तावना की नई छवि अब केंद्र सरकार ने साझा की है।

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शुरु हुआ प्रस्तावना का विवाद 

प्रस्तावना में हुए परिवर्तनों के अनुसार हाल ही में सजा हुई तस्वीर पर लगातार विवाद बढ़ते जा रहे हैं। या पहली बार नहीं हुआ है की मूल प्रस्तावना को सट्टा रूट दल द्वारा साझा किया जा रहा हो। बल्कि ऐसा संसद भवन में हुए पहली बैठक के दौरान संसद सदस्यों को संविधान की जो प्रतियां वितरित की गई है। यहां तक की संसद नहीं अभी दावा किया है कि इन दोनों ही शब्द पर यह सभी बवाल जानबूझकर किए गए हैं और कार्रवाई भी जानबूझकर शुरू हुई है।