नई दिल्ली: Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में नामनिर्देशन पत्र वापसी की आखिरी डेट 9 नवंबर को खत्म हो गई। सभी दल आखिरी समय तक बागियों को मनाने में जुटे रहे। दोनों दलों के दिग्गजों के मान-मानौअल के बाद कई भाग प्रत्याशियों ने अपने फार्म वापस ले लिए। नाम निर्देशन पत्र वापसी के बाद अब प्रदेश में कुल 1875 प्रत्याशी चुनावी मैदान बचे हैं। इस तरह से राजस्थान के झोटावाड़ा में सबसे अधिक कुल 18 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। और यदि सबसे कम प्रत्याशी की बात करें तो वो लालसोट विधानसभा में हैं।

अमित शाह के फोन से बदला रंग

राजस्थान भाजपा में सबसे ज़्यादा टिकट के दावेदार थे और बगावती तेवर वहॉं के नेता ज़्यादा दिख रहे थे। भाजपा के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि प्रदेश के भाजपा के दमदार नेता व पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत बगावती बिगुल फूंक रहे थे जिससे बीजेपी को काफी दिक्कत हो रही थी। दरअसल राजपाल सिंह शेखावत की टिकट काट कर बेजेपी जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मैदान में उतार दिया। कहा यह जाता है कि शेखावत वसुंधरा खेमे के हैं। चर्चा यह है कि जब शेखावत के पास केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फोन आया, तब जा कर शाह का मान रखने के लिए वे नाम वापसी को राजी हुए।

ऐसा नहीं की राजस्थान में केवल भाजपा में बगावत देखने को मिल रहा है। कांग्रेस में भी बगावत के सुर बुलन्द थे लेकिन गहलोत ने काफी मशक्कत के बाद बगावती प्रत्याशियों को मनाने में सफल हुए। कांग्रेस में भी बगावती शोर बुलंद करने वालों की संख्या काफी ज्यादा थी। लेकिन सूरसागर से कांग्रेस के बागी प्रत्याशी रामेश्वर दाधीच सीएम गहलोत के माने के बाद अपना पर्चा वापस ले लिया। लेकिन दाधीच का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वे नामांकन वापसी के बाद बीजेपी में शामिल हो गए।

भाजपा के ये बागी घर लौटे

भाजपा बगावत से काफी परेशान थी अंत में भाजपा के आलाकमान अमित शाह को फोन कर मन मानौअल करना पड़ा इसके बाद भाजपा के 17 बागी प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस लिया और बीजेपी ने राहत केव सांस ली। हालांकि 22 प्रत्याशी अभी भी चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत के अलावा, भरतपुर से गिरधारी तिवारी, सिविल लाइंस से रणजीत सोडाला, अजमेर उत्तर से सुभाष खंडेलवाल और सुमेरपुर से मदन राठौड़ समेत कई बागी नेताओं अपना नामांकन वापस लिया है।