नई दिल्ली। देश के नवनिहाल बच्चों को सही शिक्षा का ज्ञान हो इसके लिए सरकार नई शिक्षानीति की शुरूआत कर रही है सके अलावा बच्चों को सही शिक्षक मिले इसके ले सरकार उन लोगों को ले रही है जो योग्य उम्मीदवार होते है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के योगी सरकार ने बीते मंगलवार यानी 4 अप्रैल को शिक्षकों की भर्ती को लेकर बड़ा फैसला किया है। जिसमें प्रदेश में अब शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया जाएगा। इस आयोग के तहत अब सभी कॉलेज से लेकर स्कूल तक के मदरसों में शिक्षक की भर्ती कराना जरूरी होगा। अब राज्य के मदरसे से लेकर स्कूलों के शिक्षकों की नियुक्ति इसी आयोग के जरिये होगी। इसके लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।

योगी सरकार ने मदरसों में पढाई जाने वाली दीनी तालीम को हटाकर अब सभी विषओं जैसे हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित व सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों को जोड़ने पर जोर दिया है। अब मदरसों के पाठ्यक्रम में दीनियात की पढ़ाई 20 फीसदी होगी, जबति आधुनिक शिक्षा की पढ़ाई 80 प्रतिशत की जाएगी। इसके लिए मदरसों में अब पढ़े लिखे शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।

अभी तक मदरसों में दीनी तालीम के कई शिक्षक होते थे, लेकिन अब सभी स्तर की कक्षा के लिए अलग अलग शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। जैसे कि कक्षा पहली से लेकर पांच तक के मदरसों में चार शिक्षक होगें, कक्षा छह से आठ तक में दो और कक्षा 9 व 10  स्तर के मदरसों में तीन शिक्षक आधुनिक विषय पढ़ाने वाले नियुक्त कराए जाएंगे।

टीईटी पास शिक्षक की भर्ती

देश में 558 मदरसे हैं, जिनमें 8129 शिक्षकों व 558 प्रधानाचार्य के पद हैं। अब नए पाठ्यक्रम पद्धति के बाद 6455 पदो परभर्ती के लिए आधुनिक विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। जिसमें वही उम्मीदवार होगें जिसने टीईटी पास की हो। ऐसे उम्मीदवारों को ही मदरसों में गणित, विज्ञान, नागरिक शास्त्र, इतिहास, अंग्रेजी व हिंदी जैसे विषयों को पढ़ाने के लिए नियुक्त किया जाएगा।

मिल सकेंगे योग्य शिक्षक

अभी तक अनुदानित मदरसों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों की भर्ती  वहां की प्रबंध समिति करती आई है। जिसमें मदरसा प्रबंधक,अपनी मनमानी से योग्य टीचर नही बल्कि रिश्तेदारों को पढ़ाने के लिए खड़ा कर देते थे इस कारण मदरसों में योग्य शिक्षक की कमी ज्यादा देखने को मिली है। इसका सीधा असर मदरसों की शिक्षा पर पड़ रहा था।