आज के आधुनिक युग में, जहां तेजी से जीवनशैली और फास्ट फूड का चलन बढ़ रहा है, वहाँ कोलेस्ट्रॉल से संबंधित समस्याएँ आम होती जा रही हैं। अधिक वसा युक्त भोजन, तले हुए व्यंजन और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन हमारे शरीर में अवांछित कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है।

इससे हृदय संबंधी विकार, स्ट्रोक और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। एक स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम इस जोखिम को कम करने के महत्वपूर्ण तत्व हैं। इसलिए, संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर खानपान को अपनाना और तनावमुक्त जीवन शैली को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है।

इस हाई कोलस्‍ट्रॉल के कारण गंभीर और जानलेवा बीमारियां होती हैं। यदि आपको हार्ट से जुड़ी परेशानियां, हार्ट अटैक, हार्ट स्‍ट्रोक जैसी खतरनाक स्थिति भी बन सकती है। यह एक साइलेंट किलर के जैसे ही शरीर में प्रवेश कर देती है। यदि आप समय पर रहते ही संभल जाएं तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी।

यदि आप अपनी लाइफस्‍टाइल में बदला लाएं तो आपकी कोलेस्‍ट्रॉल की परेशानी ठीक हो सकती है। लेकिन ज्यादातर लक्षण अक्‍सर डॉक्‍टरी जांच करने के बाद ही पता चलता है। लेकिव यदि आप सतर्क रहें और अपने स्किन पर आ रहे कुछ बदलाव पर नजर आए तो इन लक्षणों की सहायता से गंभीर समस्‍या को टाला जा सकता है।

जब कई बार कोलेस्‍ट्रॉल ब्‍लडस्‍ट्रीम में बहुत अधिक सर्कुलेट करने लगता है जिससे स्किन के नीचे फैट डिपॉजिट करने लगता है। इस फैट से भूरे, पीले और ऑरेंज रंग के दाने स्किन पर नजर आने लगते हैं।

कोलेस्‍ट्रॉल ज्यादा होने के कारण स्किन पर मौजूद छोटी-छोटी ब्‍लड वेसल्‍स यानी कैपिलरीज में ब्‍लॉकेज होने लगता है और इससे स्किन में ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई नहीं हो पाती है। इस वजह से स्किन की ऊपरी परत का रंग बदलने लगता है, जिसको सोरायसिस भी कहते हैंI

हाई कोलेस्‍ट्रॉल की एम्‍बोलिज्‍म की परेशानी हो सकती है। जिस कारण कोलेस्‍ट्रॉल का क्रिस्‍टल टूटकर वेन्‍स में फंस जाता है और इस तरह से नस और धमनियों में ब्‍लॉकेज आ जाता है। जिसका नतीजा होता है स्किन में अल्‍सर जैसी समस्‍या हो जाती है।