22 दिसंबर को है मोक्षदा एकादशी, हिन्दू पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहा जाता है जो मार्गशीर्ष मास (अगस्त-सितंबर) के कृष्ण पक्ष में आती है। “मोक्षदा” का अर्थ है ‘मोक्ष प्रदान करने वाली’ या ‘मोक्षदायिनी’। इस एकादशी को मनाकर व्रती व्यक्ति कई उपायों के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति की कामना करता है |

इस दिन तुलसी को विशेष रूप से विष्णु भगवान की पूजा में उपयोग किया जाता है, और तुलसी के पौधे को एकादशी के दिन भी बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। इस दिन लोग एकादशी व्रत करते हैं और विष्णु भगवान की आराधना करते हैं। तुलसी के पौधे को भी पूजा जाता है, और इसे विवाह के रूप में श्रीकृष्ण भगवान के साथ मिलाने का सिम्बोल माना जाता है।

मोक्षदा एकादशी को करें यह उपाए मिलेगा लाभ

आर्थिक संकट से मुक्ति: मोक्षदा एकादशी के दिन तुलसी की माला से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना, और जरुरतमंद को केला, अन्न, धन, या ऊनी वस्त्र का दान करना, इस उपाय से आर्थिक संकटों में सुधार हो सकता है।

संतान प्राप्ति: मोक्षदा एकादशी के दिन शाम के समय तुलसी के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए और “ॐ नमोः नारायणाय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए , और संतान सुख प्राप्ति की कामना करनी चाहिए |

बिगड़े काम सुधारें: मोक्षदा एकादशी के दिन पीपल के 11 पत्तों की माला बनाकर शनि मंदिर में अर्पित करना, और “शं ऊँ शं नमः” मंत्र का 108 बार जाप करना किये , इससे बिगड़े कामों में सुधार हो सकता है।
पुण्यक्षेत्रों में स्नान: इस दिन को विशेष रूप से पुण्यक्षेत्रों में स्नान करने का महत्व है, जो सांसारिक पापों का नाश करता है।
दान की प्रक्रिया: मोक्षदा एकादशी को दान का महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। लोग दान और अन्य पुण्य क्रियाएं करके अध्यात्मिक उन्नति की ओर कदम बढ़ाते हैं।

इसके अलावा, एकादशी के दिन विष्णु सहस्रनाम या भगवद गीता का पाठ करना भी काफी लाभप्रद मन गया है । इस व्रत का पालन करने से शारीरिक और मानसिक शुद्धि होती है|