नई दिल्ली: काफी लंबे समय से चल रहा यमुना जल बंटवारा विवाद अब एक बड़े नतीजे में पहुंच गया है। जिसको लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से दोनों राज्यों हरियाणा और राजस्थान के बीच समझौता हुआ है, अब इन राज्यो में जहां लो कई सालों से यमुना के पानी का इंजतार कर रहे थे अब यिसकी जलधारा उन राज्यो में पहुतचने को तैयार है। राजस्थान के चुरू, सीकर, झुंझुनूं सहित अन्य जिलों को अब 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिल सकेगा।

17 फरवरी को नई दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के बीच मींटिंग गठित हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि  अब जल्द ही हरियाणा में हथिनी कुंड बैराज के ताजेवाला हैड से यमुना का पानी शेखावाटी में सबसे पहले चूरू जिले के हांसियावास गांव में आएगा।

जानकारी के अनुसार यमुना जल इन राज्यो में पहुचाने के लिए हांसियावास व तांबा खेड़ा गांव के निकट बांध बनाया जाएगा। जो कृत्रिम बांध चूरू जिले का सबसे बड़ा बांध होगा। यहां ताजेवाला हैड से लोहे के बड़े पाइपों से पानी जिसे के हर कोनो कोने में पंहुचाया जाएगा।

बांध बनाए जाने की बड़ी वजह

हांसियावास गांव की हरियाणा से दूरी मात्र सात किमी है। यमुना का पानी केवल बरसात के दिनों में मिलेगा। समझौते के अनुसार पानी केवल 120 दिन जुलाई से अक्टूबर के मध्य शेखावाटी को दिया जाएगा। चूंकि उस समय शेखावाटी में भी बरसात होगी। इसलिए पानी को बड़े बांध में एकत्रित किया जाएगा। बाद में जरूरत के अनुसार लिफ्ट कर पानी को झुंझुनूं, सीकर, चूरू और नीमकाथाना जिले में उपलब्ध कराया जाएगा।

तीन जल भंडारण बनेंगे

नई डीपीआर के अनुसार अपर यमुना बेसिन में तीन जल भंडारण रेणुकली, लखवार और किशाऊ चिह्नित किए गए हैं। ये तीन भडांरण राजस्थान को हथिनीकुंड से निर्धारित अवधि के लिए जल उपलब्ध कराने का काम करेगा।