नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा गांधी जी पर दिए अपने एक बयान से  विवादों में आ गए हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने छोत्रों को संबोधित करते हुए दावा किया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पास कोई डिग्री नहीं थी। मनोज सिन्हा का ये विवादित बयान सामने आने के बाद वे सोशल मीडिया यूजर्स और कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। लोगों ने तो यहां तक सवाल किया कि यदि गांधीजी के पास डिग्री नहीं थी तो वे बैरिस्टर कैसे बने और अदालतों में केस कैसे लड़े।

दरअसल मनोज सिन्हा 23 मार्च गुरुवार को मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित आईटीएम में राममनोहर लोहिया व्याख्यायानमाला को संबोधित करने आए थे, उसी दौरान उन्होंने ये विवादित बयान दिया था। सिन्हा ने वहां के छात्रों को शिक्षा के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि गांधीजी उदाहरण हैं, शिक्षित होना डिग्री लेने से अधिक महत्वपूर्ण है।

एलजी सिन्हा ने छात्रों से कहा कि ज्यादातर लोगों को यह भ्रम है कि गांधीजी के पास लॉ की डिग्री थी। हकीकत तो यह है कि उनके पास कोई डिग्री ही नहीं थी। बावजूद इसके वे राष्ट्रपिता कहलाए, इसके बाद मनोज सिन्हां का बयान सोशल मीडिया पर छा गया।

मनोज सिन्हा के विवादित बयान के बाद कांगेस ने भी उन्हें आड़े हाथों लिया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया एडवाइजर पीयूष बबेले ने तो ट्वीटर पर सिन्हां को आड़े हाथों लेते हुए लिखा कि महात्मा गांधी डिग्रीधारी बैरिस्टर थे। बबेले ने इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री से जोड़ कर जवाब दिया। उन्होंने लिखा कि महात्मा गांधी ने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से सन 1891 में वकालत की पढ़ाई पूरी की थी।