नई दिल्ली: जब से सरकार ने कर्मचारियों की पेंशन को बंद किया है तबसे कर्मचारियों में असंतोष है, लंबे समय से कर्मचारी यूनियन फिर से पेंशन बहाली की मांग करते आए हैं। लेकिन सरकार ने किसी की नहीं सुनी। हालांकि कुछ राज्य सरकारें भी केंद्र से पेंशन की मांग करती रही हैं लेकिन केंद्र ने उनकी बातों को भी अनसुना कर दिया। ऐसे में कुछ राज्य सरकारों ने केंद्र की चेतावनी को भी ना सुनते हुए अपने राज्य में कर्मचारियों के लिए पेंशन बहाल कर दिया है। जबकि बीजेपी शासित राज्यों में ऐसा नहीं हो पाया है। ये राज्य हैं राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश। ये राज्य सरकारें अपने यहां कर्मचारियों की पेंशन को फिर से शुरू कर दिया है। ऐसा ही राज्य है छत्तीसगढ़, जहां की सरकार ने पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया है। इस मुद्दे पर छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने एक इंटरव्‍यू में केंद्र सरकार से देश भर में पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग की थी। बीते दिनों हरियाणा में बड़ी संख्या में राज्य सरकार के कर्मचारियों नें मुख्‍यमंत्री आवास के नज़दीक पुरानी पेंशन की मांग करते हुए धरना-प्रदर्शन किया था। जहां देशभर में कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन की मांग को लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं, इसको देखते हुए केंद्र और कुछ राज्‍य सरकारें ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम (OPS) और नेशल पेंशन स्‍कीम (NPS) के बीच का कोई नया रास्‍ता निकालने की कोशिश में हैं।

सरकार का नया फॉमूला 50% पर पेंशन की गारंटी

इससे उलट कुछ सूत्रों का दावा है कि मोदी सरकार पुरानी पेंशन की बढ़ रही मांग को देखते हुए बीच का रास्‍ता निकालने की कोशिश में है। सरकार शुरू में  वैकल्‍पिक तौर पर सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस (NPS) के तहत मिलने वाले अंतिम वेतन के करीब 50% पेशन की गारंटी दी जाए। जानकार मानते हैं कि यदि यह योजना लागू होती है, तो इससे सरकारी खजाने पर अधिक बोझ नहीं पड़ेगा। सूत्र तो ये भी कहते हैं कि अधिकारी ऐसा प्‍लान कर रहे हैं जिससे एनपीएस में इस तरह का बदलाव किया जाए जिससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को एकमुश्त राशि के रूप में 41.7% मिल जाए और बाकी का 58.3% रकम सालान आधार पर मिलेगा। यदि केंद्र / राज्य सरकारों के योगदान (14%) से निर्मित 58.3% की राशि सालाना बजट से बनने वाली पेंशन जो अंतिम सैलरी का लगभग 50% हो सकता है। हालांकि इस विषय पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है

मध्य प्रदेश के भाजपा विधायक गौरीशंकर बिसेन पार्टी के खिलाफ दिया बयान

अब कर्मचारी संगठन सरकार पर पुरानी पेंशन को बहाल करने का दबाव बढ़ते जा रहे हैं, इसको लेकर जो नया अपडेट आया है उसके मुताबिक भाजपा के विधायक और मध्य प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान दे कर नयी बात खड़ी कर दी है। उन्होंने तो ये तक कह दिया है कि मुझे पार्टी भले पार्टी से निकाल दे या पद से हटा दें,  लेकिन पुरानी पेंशन बहाल करने के पक्ष में मैं पूरी तरह से हूं। अपने बयान में बिसेन ने कहा कि जिस तरह से बुढ़ापे में एक पति को पत्‍नी और पत्‍नी को पति की जरूरत होती है, उसी तरह से कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन निहायत जरूरी है।