नई दिल्ली: हमारे यहां ग्रामीण क्षेत्रो  में अधिकतर लोग पशुपालन का व्यवसाय करते है। जिसमें आम वर्ग के लोगों बकरी पालकर अपनी जीविका चलाते है। लेकिन इस बात को बहुत कम लोग जानते है कि बकरी पालन करके लोग अच्छी खासी कमी कर सकते है क्योकि आज के समय मे एक से बढ़कर एक नस्ल की बकरियों को पालकर लोग तगड़ा व्यवसाय कर रहे है। यदि आप भी अपने व्यवसाय को बढ़ाना चाहते है तो आज हम आपको कुछ ही बकरी की खास नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसके दूध से आप अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।

बकरी विशेषज्ञों के अनुसार, बकरियों की कई विशेष नस्लें होती हैं जो ज्यादा दूध देने के साथ वजन में काफी ज्यादा होती है जिससे इसका मांस भी काफी ज्यादा मिलता है। वैसे तो समान्य बकरी का वजन 40 से 55 किलोग्राम तक होता है। लेकिन विशेष नस्ल की बकरी का वजन 60 किलोग्राम से अधिक होता है।

गोहिलवाड़ी बकरी

गोहिलवाड़ी नस्ल की बकरियां जो ज्यादातर गुजरात के राजकोट, जूनागढ़, पोरबंदर, अमरेली और भावनगर जैसी जगहो पर अधिकतर पाई जाती हैं। गोहिलवाड़ी नस्ल की बकरे का वजन 50 से 55 किलोग्राम के बीच और बकरी का वजन 40 से 45 किलोग्राम के बीच पाया जाता है। इनका रंग काला, सींग मुड़े हुए और मोटे होते हैं। ये दूध भी कापी ज्यादा देती है।

जखराना बकरी

राजस्थान के अलवर में जखराना नाम का एक गांव है। जहां इस नस्ल की बकरी ज्यादा पाई जाने के कारण  ही इस नस्ल को जखराना के नाम से जाना जाता है। इस नस्ल की बकरी में दूध और मांस दोनों काफी ज्यादा मात्रा में मिलता है। देखने में जखराना नस्ल की बकरी काफी लंबी होती हैं। इनका वजन 55 से 58 किलोग्राम के बीच पाया जाता है।. जखराना की पहचान ये लंबी होने के साथ रंग में  काला रंग और मुंह व कान पर सफेद धब्बे होते हैं।

बार्बर नस्ल की बकरियां

बार्बर नस्ल की बकरियां बार्बर के नाम से ही बेची जाती हैं। इस नस्ल की बकरियां यूपी में ज्यादा पाई जाती है। अरब देशों में इस नस्ल की बकरी की मांग काफी है क्योकि इसका मांस काफी स्वादिष्ट होता है।  बार्बरी बकरियां भूरे-सफ़ेद रंग की होती हैं। ये मध्यम आकार के होती हैं. इसके कान ऊपर की ओर नुकीले और छोटे होते हैं। इनके सींग सामान्य आकार के पीछे की ओर मुड़े हुए होते हैं।