हमारे देश में बहुत से नीति ग्रंथ उपलब्ध हैं। जो की मानव जीवन पर आधारित होते हैं और जीवन के प्रत्येक पक्ष के बारे में शिक्षित करते हैं। इनमें आचार्य चाणक्य के चाणक्य नीति ग्रंथ की चर्चा सबसे ज्यादा होती है। इस ग्रंथ में भी मानव जीवन के प्रत्येक पक्ष के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है और इस प्रकार की नीतियों को उद्ग्रथ किया गया है। जो किसी भी व्यक्ति को सफल आदमी बना सकती हैं। आचार्य चाणक्य के चाणक्य नीति ग्रंथ में पति पत्नी के रिश्ते पर भी गहनता से प्रकाश डाला गया है।

इस रिश्ते को लेकर आचार्य चाणक्य ने कई ऐसी बातें बताई हैं। जो मानव जीवन को काफी आसान बना देती हैं। आचार्य चाणक्य ने कहा है की पुरुष के अंदर कुत्ते के 5 गुण अवश्य चाहिए। जिस किसी पुरुष के अंदर ये 5 गुण होते हैं। उनकी पत्नी हमेशा उनसे खुश और संतुष्ट रहती हैं। आइये अब हम आपको इन 5 गुणों के बारे में बताते हैं।

सतर्क रहना

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पुरुष को हमेशा कुत्ते की तरह सतर्क रहना चाहिए। सतर्क व्यक्ति आने वाली समस्या का निदान पहले ही खोज लेता है और समस्या से आसानी से बच जाता है।

साहसी होना

कुत्ता साहसी जानवर माना जाती है। पुरुषों को उससे साहस का गुण सीखना चाहिए। साहसी पुरुष प्रत्येक विपत्ति का सामना सहस के साथ करता है तथा उस पर विजय प्राप्त करता है। स्त्री हमेशा वीर व्यक्ति को ही पसंद करती हैं इसलिए पुरुष को साहसी होना चाहिए।

सभी दायित्वों का निर्वहन करना

प्रत्येक पुरुष को अपने सभी दायित्वों का निर्वहन कर स्त्री को शारीरिक तथा मानसिक रूप से संतुष्ट रखना चाहिए। जो व्यक्ति अपने सभी कर्तव्यों को समय से पूरा करता है उसकी स्त्री सदैव उस पुरुष से खुश रहती है।

परिश्रमी होना

आचार्य चाणक्य बताते हैं कि प्रत्येक पुरुष को परिश्रमी तथा संतुष्ट होना चाहिए। यह भी कुत्ते का ही एक गुण है। परिश्रमी व्यक्ति के साथ प्रत्येक स्त्री खुश रहती है। दूसरी बात पुरुष को संतुष्ट भी रहना चाहिए अन्यथा वह मानसिक अवसाद से भरा रहेगा और दैनिक जीवन के कार्यों को सही से पूरा नहीं कर सकेगा। अतः पुरुष को परिश्रमी होने के साथ साथ संतुष्ट भी रहना चाहिए।