भारतीय महिलाओं के श्रृंगार में मेहंदी का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे देश में खासतौर पर तीज-त्‍यौहार या फिर शादी जैसे अवसरों पर मेहंदी को शगुन के तौर पर लगाया जाता है। बिना मेहंदी के श्रृंगार भी अधूरा लगता है। मेहंदी के लिए हर महिला चाहती है कि उसके हाथों में जिस तरह का डिजाइन लगा हो, वह सबसे अलग हो और हर कोई उसकी तारीफ करें। ऐसे में जब मेहंदी लगाने की बात आती है तो महिलाएं इंटरनेट और सोशल मीडिया पर नई डिजाइन तलाशने में जुट जाती हैं।

लेकिन हमें जिस डिजाइन को लगवाना होता है, उसके बारे में आर्टिस्ट को सही से बता नहीं पाते हैं, क्योंकि हमें डिजाइन का नाम ही नहीं पता होता है। इसलिए आज हम इस लेख में हम आपको बताएंगे कि मेहंदी में जो डिजाइंस लगाई जाती हैं, वो किससे प्रभावित होती हैं। इसके अलावा गुंबद मेहंदी की भी कुछ खास डिजाइंस भी आपको यहां देखने को मिल जाएंगी, जिसको आप किसी खास मौके पर लगवा सकती हैं।

‘मेहंदी’ की डिजाइंस की प्रेरणा

आमतौर पर मेहंदी में मीनारें, मेहराब, गुम्‍बद, झरोखे, फूल या पक्षी बनाए जाते हैं, जो कि आर्किटेक्‍चर का एक महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा होते हैं और आपको किसी महल या फिर किले में आसानी से मिल जाएंगे। इसके अलावा आजकल पोट्रेट मेहंदी का भी बहुत चलन है, जिसमें आप किसी व्यक्ति का चित्र देख सकती हैं। हालांकि, महिलाओं को आज भी केवल पारंपरिक अंदाज में लगाई जा रही मेहंदी डिजाइंस ही अधिक पसंद आती हैं।

जाल के साथ गुम्‍बद वाली मेहंदी डिजाइंस

मेहंदी की डिजाइन में आप गुम्बद बनाकर आप उसके अंदर बड़े या छोटे जाल के डिजाइन बनवा सकती हैं। ये जाल‍ मेहंदी डिजाइन में आपको कई तरह की वेराइटी मिल जाएंगी। आप इस जाल के अंदर भी महीन डिजाइन बनवा सकती हैं, जाली के अंदर कमल का फूल, हाथी का चित्र या फिर मेहराब की डिजाइन बहुत अच्छी लगती है।

इसके अलावा आप गुम्‍बद के अंदर गुम्बद बनाकर भी अलग तरह की मेहंदी डिजाइन लगा सकती हैं। लेकिन हर गुम्‍बद के बाद बीच में थोड़ा सा स्‍पेस देना होगा। इस गुम्‍बद के अंदर आप जाल, झालर या झरोखे का डिजाइन भी बना सकती हैं। झालर या झरोखा को अंदर से भरने के लिए आप किसी लकड़ी की खिड़की या दरवाजे पर की गई कारविंग की डिजाइन भी बना सकती हैं।

मंडला आर्ट और गुम्‍बद मेहंदी डिजाइन

मंडला आर्ट डिजाइन की आपको बहुत सारी वेराइटी मिल जाएगी। उंगलियों में लगी डिजाइन को पच्चीकारी कहा जाता है और फिर गुम्‍बद के अंदर मंडला आर्ट बनाई जाती है। मंडला आर्ट में गोल टिक्की से डिजाइन की शुरुआत करके फिर उसे ही बढाया जाता है। इसको बंच डिजाइन कहते हैं, जिसमें एक के ऊपर एक डिजाइन बनाई जाती है, और यह बहुत ही घनी और भारी डिजाइन होती है। इस तरह का आर्ट आपने राजस्थान के घरों में देखा होगा, इसको मंडला वॉल आर्ट कहते हैं।

पच्चीकारी डिजाइन को ऐतिहासिक महलों, किलों की छतों, दीवारों और खिड़की-दरवाजों से लिया गया है। इस मेहंदी की डिजाइन घनी और खूबसूरत होती है।

टर्किश मेहंदी की डिजाइन

आपको बता दें कि टर्किश मेहंदी इस्लामिक शिल्‍प एवं वास्तुकला से ली ली गई होती है। इसमें आपको गुम्‍बद, मेहराब और मीनारें देखने को मिलेंगी। आप गुम्‍बद, झालर, डॉट और चेन को किसी भी आकार में रेखांकित कर सकती हैं। टर्किश मेहंदी देखने में बहुत ही लाइट होती है, इस तरह की मेहंदी डिजाइन लगाने से आपके हाथ भरे-भरे नजर आएंगे। यदि आप कम समय में खूबसूरत मेहंदी लगाना चाहती हैं, तो फिर आपको टर्किश मेहंदी लगानी चाहिए हैं।