हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल यानी कि 19 फरवरी को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में श्री कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास किया था। इस कल्कि भगवान के मंदिर का निर्माण श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है।

बता दें कि संभल जिले में बनने जा रहा ये मंदिर बहुत ही अनोखा और खास है। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच में पीएम मोदी ने कल्कि धाम मंदिर का भूमि पूजन किया, और इस दौरान उनके साथ एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दूसरी तरफ आचार्य प्रमोद कृष्णम बैठे दिखे।

भूमि पूजन का अनुष्ठान समाप्त होने के बाद जब पीएम मोदी मंच पर पहुंचे, तो श्री कल्कि धाम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम और स्वामी अवधेशानंद गिरि ने उनको अंगवस्त्र पहना कर उनका स्वागत किया।
तो चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर कौन हैं ये भगवान कल्कि, जिनकी हमारे देश में पूजा उनके जन्म के पहले से ही की जा रही है।

भगवान विष्णु जी के दस अवतार हैं और अलग-अलग युग में भगवान के नौ अवतार जन्म ले चुके हैं। लेकिन विष्णु का ‘कल्कि अवतार’ को जन्म लेना अभी बाकी है, और भगवान विष्णु के इस कल्कि अवतार का जन्म कलयुग के अंत में होगा।

भगवान के इस अवतार को धारण करने के बाद कलियुग समाप्त हो जाएगा और फिर से सतयुग का आरम्भ होगा। इनके आगमन से कलयुग में धर्म की पुनर्स्थापन होगी और अधर्म का नाश हो जाएगा।

ऐसे में भगवान कल्कि के पूजन का बहुत महत्व है, उनके आने से घोर विपत्तियों का नाश हो जाएगा। इसलिए उनकी पूजा साधकों को धर्म के मार्ग पर स्थिर रखने और अधर्म के विरुद्ध लड़ने के लिए प्रेरित करेगी।

भगवान कल्कि के आगमन की उम्मीद के साथ उनकी महत्वपूर्णता भी उजागर होती है, जो धर्म के पुनर्स्थापन और सत्य की जीत के लिए एक महत्वपूर्ण समय का प्रतीक है। कल्कि के पूजन से हम धर्म के मार्ग पर चलते रहेंगे और अधर्म के खिलाफ लड़ाई का सामना करते रहेंगे।