Goat Farming ग्रामीण इलाकों में पशुपालन को एक आई का अच्छा स्रोत माना जाता है। ऐसे में छोटे और सीमांत किसानों के लिए बकरी पालन करना उनके आय वृद्धि का अच्छा स्रोत है। अगर आप भी पशुपालन करते हैं और बकरियां पलते हैं तो आपको कैसी कमाई हो सकती है यह कुछ मुख्य बिंदुओं पर निर्भर करता है।

पशुपालन में बकरियों का चयन करना एक सही विकल्प है। अगर आप बकरियों को अच्छा आहार देते हैं और उनके स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखते हैं तो बहुत ही कम लागत में आप बहुत अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। आज हम आपको बकरियां में फैल रही है कैसी बीमारी के बारे में बताएंगे जिससे बहुत सारी बकरी हो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बकरियों में फैल रहा यह रोग Goat Farming

बकरियां में एक नई किस्म की बीमारी की शुरुआत हुई है जिसका क्लोस्ट्रीडियम परफिरेंजेंस नामक जीवाणु के जहर के कारण होता है। आपको बता दे यह रोग प्रोटीन युक्त हरे चारे से बढ़ता है। बकरियां में फैल रहे इस रोग का नाम फकड़िया रोग है। आपको बता दे इस रोग के कारण बरसात के मौसम में अत्यधिक पशुओं की मौत होती है। मुख्य रूप से यह रोग बकरियां में ही देखने को मिलता है। अच्छे रखरखाव और बेहतरीन भोजन का ख्याल नहीं रखने से बकरियां में यह रोग बढ़ता है। 

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ये हैं इस रोग के लक्षण 

अगर आपकी बकरी को भी यह खतरनाक रोग है तो आपको बता दे उसके मुंह से लड़ जरूर टपक रही होगी। इस वजह से बकरियां हरा चारा नहीं खा पाती है। आपको बता दे पानी पीने या फिर एक साथ चारा खाने की वजह से अन्य बकरियां में भी यह रोग फैलता है। इसी वजह से अगर आपको किसी बकरी में यह लक्षण नजर आए तो कृपया बीमार पशुओं को अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग रखें। इस रोग से प्रभावित बकरियों के ऊपर आप फिटकरी या फिर लाल दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं इससे नहाने से रोग काम होता है। इस रोग में ग्लिसरीन लगाने से भी बकरियों की त्वचा पर लाभ हो सकता है।